जूनको फुरुटा को समर्पित - अत्याचारी मुक्त क्यों है ?
तेरा हत्यारा मुक्त क्यों है?
आज ये, कल वो
कभी अपने आँगन तो कभी दूजे आँगन
तुझ पर रख बुरी नजर
वो अत्याचारी मुक्त क्यों है?
काली बन विनाश कर
बिजली बन आघात कर
तू चपला तू चंचला
तू विश्व की रचियता
किसका बैठी इंतज़ार कर
जोर का प्रहार कर
ह्रदय दहले काँप कर
ऐसी तू हुँकार कर
न झुकी है तू
ना झुकेगी तू
अपमान कभी ना स्वीकार कर
काली बन विनाश कर
काली बन विनाश कर
बिजली बन आघात कर
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