उन्मुक्त आकाश
गतिशील
परिवर्तन
वाचाल
बहिर्मन ..
थमा
गहरा
नीरव
अंतर्मन...
डोलता
संशय
समाधान
जीवन ..!!!
मधुबनी कला
मधुबनी बिहार का एक जिला है जहाँ के हर गाँव के घरों में आपको मिटटी की दीवारों पर मधुबनी चित्र बने मिलते है। विशेष अवसरों पर घर की दीवारों को विशेष कला से सजाया जाता है जिसे मधुबनी चित्रकला कहते हैं. इस चित्रकला में भारत की अन्य कलाओं की ही तरह चित्र का मुख्य विषय देवी-देवता, पशु-पक्षी तथा रोजमर्रा के कार्यों का चित्रण आदि होते हैं.
मधुबनी चित्र बनाने के लिए प्रमुख चरण इस प्रकार हैं -
१. हस्तनिर्मित कागज़ / कपडा लें.
२. मनचाही आकृति को कागज़ / कपडा में हुबहू उतार लें.
३. चित्र के चारों ओर काले रंग के जेल पेन से तीन लाईनों की सीमा रेखा बनाएं और उससे १ से १ १/२ इंच की दूरी पर फिर से ३-४ लाईनों की सीमा रेखा बनाएं.
४. चित्र में अपनी पसंद से खाली जगह को ज्यामितीय रेखाओं से या फूलों और लताओं से भर दें.
५. कागज़ में पोस्टर कलर से और कपडे में फेब्रिक कलर से रंग भरे.
६. आँखें बड़ी और आकर्षक बनाएं.
७. देह को दोहरी लाईन कर बनायें.
८. मधुबनी चित्रकला में कलर शेडिंग नहीं की जाती है इसका ध्यान रखें.
चित्र को सजाने के लिए सीमा रेखाओं के अन्दर भी बहुत सुन्दर रंगों से चित्रकारी की जाती है इसका ध्यान रखें तो आपकी कला में और निखार आ जायेगा. आप मधुबनी चित्रकला का प्रयोग फूलों के गुलदस्ते , टेबल कवर आदि सजाने में भी कर सकते हैं . पारंपरिक चित्रकला में लाल, पीला,हरा, नारंगी तथा सफ़ेद रंग का बहुतायत में प्रयोग होता है आप चाहें तो नीला, बैंगनी और गुलाबी रंग भी प्रयोग कर सकती हैं.
होली की शुभ कामनायें
MERRY CHRISTMAS |
मित्रस्य मा चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षन्ताम् ।
मित्रस्याहं चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षे, मित्रस्य चक्षुषा समीक्षामहे ॥
To be content with oneself is the greatest success imaginable." - iChing
THE FEAR IS SIMPLY BECAUSE YOU ARE NOT LIVING WITH LIFE, YOU ARE LIVING IN YOUR MIND.
|
SADHGURU JAGGI VASUDEV खुश |
दिल आज खुश है की बहार आई, दिल आज खुश है की धूप की चादर है छाई
Dil aaj khush hai ki bahaar aaii, dil aaj khush hai ki dhoop ki chadar hai chhaii
Dil aaj khush hai ki bahaar aaii, dil aaj khush hai ki dhoop ki chadar hai chhaii
बहोत दिनों से पसरा था अँधेरा, कितने दिनों बाद उम्मीदों की हरियाली है छाई
Bahot dinon se pasra tha andhera, kitne dinon baad ummeedon ki hariyali hai chhaii
कितने अरमानों से देखे थे सपने, उन सपनों की आहट है आई
Kitne armanon se dekhe the sapne, un sapnon ki aahat hai aaii
अंगडाई लेकर मुस्कान आई, अब नैनों में जान है आई
अंगडाई लेकर मुस्कान आई, अब नैनों में जान है आई
Angadaii lekar muskaan aaii, ab nainon me jaan hai aaii
कब से उम्मीद के बादल दे रहे थे धोखा, अब जाकर बरसात है आई
Kab se ummeed ke badal de rahe the dhokha, ab jaakar barsaat hai aaii
भीग गई ये सूखी धरती, विश्वास की कोंपल फिर से उग आई
भीग गई ये सूखी धरती, विश्वास की कोंपल फिर से उग आई
Bheeg gai ye sukhi dharti, vishvaas ki konpalen fir se ug aaiin
बालों का पकाना सिखा गया कि, ग्रीष्म के बाद बहार ही आई
Balon ka pakna sikha gaya ki, grishm ke baad bahar hi aaii
याद रहेगा ये सबक सोच कर ही आँखों में चमक है आई
याद रहेगा ये सबक सोच कर ही आँखों में चमक है आई
Yaad rahega ye sabak soch kar hi aankhon me chamak hai aaii
दिल आज खुश है कि बहार आई, फिर से वो सपनों कि रंगीन दुनिया लाई
Dil aaj khush hai ki bahar aaii, fir se wo sapnon ki rangeen duniya lai
पत्थर पे घिस घिस के हिना खुशबू वाला रंग है लाई
पत्थर पे घिस घिस के हिना खुशबू वाला रंग है लाई
Patthar pe ghi-ghis ke heena khushbu wala rang hai lai
इसके सिवा और ईश्वर से क्या चाहेगा कोई, आज 'उसकी' बहोत याद आई
Iske siwa aur Ishwar se kya chahega koi, aaj 'uski' bahot yaad aai
हल्का हुआ दिल, होठों पे है मुस्कान और, आँखों में श्रद्धा आंसू भर लाई
हल्का हुआ दिल, होठों पे है मुस्कान और, आँखों में श्रद्धा आंसू भर लाई
Halka hua dil, hothon pe hai muskaan aur, aankhon me shraddha aansoon bhar lai .
HYDROPONICS
SAVE ENVIRONMENT WITH SIMPLE METHODS
A method of growing plants using mineral nutrient solutions, in water, without soil.
Advantages-
1. It is a soil less culture.
2. It saves water cost.
3. It is easier to harvest.
4. It is easy to change it`s situation regarding season.
5. It can fight with hunger because of it`s nature of low cost and need of smaller space.
Enjoy Hydroponics in small space and get harvest without harming mother nature.
HAVE A WONDERFUL WEEK. THANKS !
ati uttam
ReplyDeleteThank you sonali :)
Deletenice blog...:)
ReplyDeletebut madam ji...madhubani is not a village..
it is a district...it is the heart of the region
called mithila which lies partially in bihar and
partly in nepal...
this painting can be found in almost every
house in this region...
esp in rural areas where people still live in mud houses..
not many though..but it still exists nonetheless :)
i belong to that region :)
Thank you dollyji for liking the blog and for your valuable information.Keep in touch. :)
ReplyDelete