धन्यवाद यशवंत जी .. आपने समय निकाला और टिपण्णी भी दी.
अग्नि तांडवनख -शिख होकर वाष्पित तन lajbab .....abhar.
धन्यवाद नवीन जी !
लिंक शेयर करने का धन्यवाद यशवंत जी . मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा परन्तु अपनी रचना या लिंक नही मिला .साभार !
बेहतरीन .....
धन्यवाद निवेदिता जी !
सुन्दर रचना
धन्यवाद ओंकार जी !
आपको पहली बार पढ़ा ..........बहुत सुंदर रचना आप भी पधारें मेरा पता है http://pankajkrsah.blogspot.com आपका स्वागत है
धन्यवाद पंकज जी !
सभी हाइकू लाजवाब .... कुछ शब्दों में गहरी बात ...
धन्यवाद सर आपके तारीफ के शब्द निश्चित ही मेरे हायकू का मान बढ़ा रहे हैं.
झरोखे देखोमुस्कुराते दुपट्टे कंचन मन वाह ! वाऽह ! बहुत ख़ूबसूरत हाइकु ! तमाम हाइकु अच्छे हैं ...
Dhanyavaad Rajendra ji !
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धन्यवाद यशवंत जी .. आपने समय निकाला और टिपण्णी भी दी.
ReplyDeleteअग्नि तांडव
ReplyDeleteनख -शिख होकर
वाष्पित तन
lajbab .....abhar.
धन्यवाद नवीन जी !
Deleteलिंक शेयर करने का धन्यवाद यशवंत जी . मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा परन्तु अपनी रचना या लिंक नही मिला .
ReplyDeleteसाभार !
बेहतरीन .....
ReplyDeleteधन्यवाद निवेदिता जी !
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी !
Deleteआपको पहली बार पढ़ा ..........बहुत सुंदर रचना आप भी पधारें मेरा पता है http://pankajkrsah.blogspot.com आपका स्वागत है
ReplyDeleteधन्यवाद पंकज जी !
ReplyDeleteसभी हाइकू लाजवाब .... कुछ शब्दों में गहरी बात ...
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteआपके तारीफ के शब्द निश्चित ही मेरे हायकू का मान बढ़ा रहे हैं.
झरोखे देखो
मुस्कुराते दुपट्टे
कंचन मन
वाह ! वाऽह !
बहुत ख़ूबसूरत हाइकु !
तमाम हाइकु अच्छे हैं ...
Dhanyavaad Rajendra ji !
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