Sarkar Raaj

बाबा रामदेव द्वारा रामलीला मैदान में की जा रही शांतिपूर्ण सभा का सरकार ने जिस तरह निर्ममता से दमन किया है ऐसा लगा जैसे हम अपने देश में नहीं अपितु किसी और देश में रहा रहे हों. कोई सरकार अपने ही बच्चों पर शांतिपूर्ण सभा करने पर आंसूं गैस के गोले कैसे फेंक सकती है वह भी रात को १ बजे जबकि वह अच्छी  तरह से जानती थी कि प्रदर्शनकारियों में औरतें और बच्चे भी थे. अब ये तर्क तो बेमानी है कि हमने तो शांति से उठने को कहा था पर बाबा नहीं माने. क्यों मानेंगे भाई ? वो तो आमरण अनशन पर थे. 
खैर, जो भी हुआ अब वह बीती बात हो गई है, प्रश्न यह है कि अब आगे क्या ? जनता क्या करेगी? बी जे पी से तो जनता पहले ही आजिज आ चुकी है इसीलिए कांग्रेस ने सरकार बनाई, अब कांग्रेस भी सोनियाजी और राहुलजी के अलावा कुछ भी नहीं सोच पा रही है. इस घटना काण्ड से राजनीति में एक विरक्ति उत्पन्न हो गई है, जिस प्रकार बाबा रामदेव कह रहे हैं कि लोकपाल सही होगा इसकी क्या गारंटी है उसी प्रकार जनता ये भी जानती है कि बाबा रामदेव कि पार्टी के मंत्री भ्रष्ट नहीं होंगे की भी कोई गारंटी नहीं है. ऐसे में देश में क्या आपातकाल की स्तिथी आ गई है? 
हमारा  विश्वास न तो कांग्रेस पर है न बी जे पी पर और ना ही बिना परखे हुए बाबा रामदेवजी की पार्टी पर , हमारा विश्वास है केवल देश के संविधान पर. इन हालात पर क्या कहता है संविधान? क्या संविधान मौन है? नहीं . संविधान सबको अभिव्यक्ति की और अपनी राजनितिक पार्टी बनाने की छूट देता है. ऐसे में सिविल सोसायटी बनाकर देश की जनता को संविधान के अनुरूप चलने वाले दल को चुनना चाहिए. ये होगा कैसे? 'RIGHT TO RECALL' के जरिये. राईट टू रिकाल ऐसा अस्त्र है जिससे जनता चुनावों के २ १/२ साल बाद उन जनप्रतिनिधियों को वापस बुला सकती है जो उसकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं. निश्चित रूप से , कोई भी प्रतिनिधि ५ वर्षों का शासन २ १/२ वर्षों तक सीमित नहीं करना चाहेगा और इस तरह जनता को शक्ति मिलेगी और बेहतर शासन भी. 
आज की घटना ने सबको झकझोर के रख दिया है और यह भी सबक सिखा दिया है की अब जागने का वक़्त आ गया है. अब रामदेव बाबा समझ गए होंगे की उनकी लड़ाई कितने ताकतवर दुश्मन से है जिसके परिणाम स्वरुप वो और भी मजबूत होकर उठेंगे उसी तरह जैसे गांधीजी को मजबूत बनाया था अंग्रेजों की बर्बरता ने. देश की जनता सदैव ऐसे नेताओं के साथ थी और रहेगी. पर अब ये सिविल सोसायटी और बाबा रामदेव की जिम्मेदारी है की वो लोगों का भरोसा बनाये रखें. अंत में, प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंग जी से  एक ही बात कहानी है की हमें तो संसद पर भरोसा है पर संसद कब इस भरोसा का मान रखकर दिखाएगी बस इतना बता दीजिये. उम्मीद करती हूँ कि प्रधानमंत्री रात को हुए घटनाक्रम पर अपना पक्ष रखने के लिए जनता के सामने आयेंगे और जो विश्वास जनता ने उनपर किया है उसे वो नहीं तोड़ेंगे.  

Comments

  1. http://www.ndtv.com/video/player/news/police-crackdown-at-ramlila-ground-eyewitness-account/201644 -- watch this ..

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