क्या लड़कियां खुद हैं बलात्कार की जिम्मेदार ?
लड़कियों की ज़िन्दगी किसी का मन भरने और असम्मानपूर्ण आज्ञा मान अपना परलोक सुधारने के लिए नही होती है. ज़िन्दगी प्रकृति प्रदत्त है और सबको अधिकार है अपनी पसंद की जिंदगी जीने का. हरियाणा खाप पंचायत चाहती हैं कि राज्य में बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं (एक महीने में 28 बलात्कार) को रोकने के लिए विवाह की उम्र घटा दी जाए. जैसे इंसान का जीवन मात्र विवाह सुख लेने के लिए हुआ है. देश में सबसे कम लिंगा
नुपात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ( 866) और हरियाणा (877) में है. क्या इस कारण बलात्कार की घटनाएँ बढ़ी हैं. नहीं. जहाँ स्त्रियों का सम्मान नही होगा वहां ऐसी ही घटनाएँ होंगी. बलात्कारी की मानसिकता अलग होती है और जब वह पकड़ा जाता है तो खुद को बचाने के लिए दोष लड़की के कपड़े, उसके चालचलन और निजी झगडे का बहाना बनाता है. बलात्कार की घटनाएँ पैदा हुई बच्ची से लेकर वयोवृद्ध महिलाओं के साथ तक होती है. ऐसे में आवश्यकता है कि देश के पिछड़े हुए राज्यों में लड़कियों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा प्रदान की जाए और पुलिस को भी इसकी विशेष ट्रेनिंग दी जाए. साथ ही, कानून का उल्लंघन करने पर तुरंत दोषी पुलिस अधिकारी को बर्खास्त किया जाए ताकि थानों में होने वाली शर्मनाक घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके.
बिल्कुल, लड़कियों की सुरक्षा को लेकर सरकार ना गंभीर है और ना ही संवेदनशील..
ReplyDeleteहर हाल में सुरक्षा पर ध्यान देना होगा...
जी बिलकुल महेन्द्रजी. लड़कियां गर्भ से लेकर मृत्यु शैया तक गंभीर अपराधों से पीड़ित रहती हैं.
ReplyDeleteटिपण्णी देने का आभार महेन्द्रजी.