Ring a Bell - It Works !
दुष्टों के कॉमन लक्षण इस प्रकार हैं-
१ . पहले भरोसा जीतो।
२. फिर रंग बदलो।
३. डराओ, हर तरह से उन लोगों से दूर कर दो जो उसकी मदद कर सकते हैं।
४. फिर अपनी अच्छी इमेज का वास्ता दो और बताओ कि तुम्हारी कोई नहीं सुनेगा ।
५. हीन भावना भर दो।
६. निरपराध को बदनाम कर दो पर खुद भले बने रहो।
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७. और..... वो अपनी चाल में कामयाब हो जाते हैं ।
क्या यही है सत्यमेव जयते ?!!
८. नहीं ! ऐसा नहीं होता है ।
९. अन्याय सहने की एक क्षमता होती है , उसके बाद निश्चित ही विद्रोह होता है ।
१०. विद्रोह करने वाला अकेला पड़ जाता है।
११. मजबूत व्यक्ति लम्बी लड़ाई अपने हौसले के दम से जीत जाता है पर कमजोर व्यक्ति ...भाग्य को कोसता है या आत्महत्या कर लेता है ।
१३. क्योंकि अन्याय सबके साथ कहीं न कहीं होता है .... इसे यूँ ही होने मत दीजिये ।
१४. 'रिंग अ बेल' - अन्याय रोकिये ..... हर स्तर पर ।
१५.अनावश्यक तौर पर खुद को खतरे में ना डालें.. ये दुश्मन की चाल भी हो सकती है।
१६. सत्य की लड़ाई लड़ने से सम्मान बढता है... डरिये नहीं, आगे आइये।
१७. अन्याय सहने से सम्मान नहीं बढता , न ही उसे सामने लाने से घटता है। जो अपराध आपका नहीं उससे आपकी इज्जत क्यों कम होगी। और कोई ऐसी बातें करे तो उसे उसकी हद समझा दीजिये, स्पष्ट शब्दों में ।
१८. बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो ....सत्यम एव जयते !
अच्छाई को हराने का सबसे अच्छा तरीका क्या है ?
उसे बुराई से भी बदतर साबित कर दो ।
परिणाम - खुद की बैंड बजाई
आखिर,
!!! सत्यमेव जयते !!!
आप सहमत हैं या नहीं : )
अगर आप इससे सहमत हैं तो इसे अपने दोस्तों से साझा करिए ।
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