नववर्ष मंगलमय हो ... सबके लिए !
कैसे आगे बढ़ जाएँ उसे लिए बिना ?
'दामिनी' ....
तुम ही दो हौसला ..!
जिंदगी रूकती नही .. खींच लेती है ..... अभी तो जैसे जबरदस्ती धकेल रही है .. चलो , चलो ! ठीक है , तो फिर चलो. 'दामिनी' न बने कोई ... फिर कोई 'दामिनी' न बने कोई .. चलो !
कि भारत भारतीयों का है .. न बाँट सके इसे जात-पांत की दिवार ..
कि मानव हो ... मानव का, पशु - पक्षी का, इस वसुंधरा का
कि हों निर्भय सब 'निर्भया' जैसे ...
कि अब झूठे समाज का डर नहीं ..
आदि शक्ति और रूद्र मिल जाएँ अब ..
कि अब कृष्ण अवतार ले चुके हैं
कि कण-कण में राम सीना तान धनुष उठाए खड़े हैं
कि मिटेगी मिट्टी अब रूद्र के पाँव तले
कि अब नवनिर्माण होने को है
कि शान्ति के पहले की क्रांति अब होने को है
ऐसा है इस वर्ष का आग़ाज़ !
'दामिनी' ....
तुम ही दो हौसला ..!
जिंदगी रूकती नही .. खींच लेती है ..... अभी तो जैसे जबरदस्ती धकेल रही है .. चलो , चलो ! ठीक है , तो फिर चलो. 'दामिनी' न बने कोई ... फिर कोई 'दामिनी' न बने कोई .. चलो !
ना बाँट सके कोई हमको सत्ता से ... धन से ... लोभ से .. छल से ..
हो अब चीत्कार का सत्कार ...
न हो उपद्रव उपद्रवी का ऐसा हो सज्जन का वार
ढोल बजे नगाड़े बजें कानों में जोर के
कि आते हैं रखवाले दयनीय केकि मानव हो ... मानव का, पशु - पक्षी का, इस वसुंधरा का
कि हों निर्भय सब 'निर्भया' जैसे ...
कि अब झूठे समाज का डर नहीं ..
आदि शक्ति और रूद्र मिल जाएँ अब ..
कि अब कृष्ण अवतार ले चुके हैं
कि कण-कण में राम सीना तान धनुष उठाए खड़े हैं
कि मिटेगी मिट्टी अब रूद्र के पाँव तले
कि अब नवनिर्माण होने को है
कि शान्ति के पहले की क्रांति अब होने को है
ऐसा है इस वर्ष का आग़ाज़ !
ऐसा हो इस वर्ष का आगाज !
ReplyDeleteआमीन!
आमीन!
Deleteनव वर्ष मंगलमय हो!
ReplyDeleteसादर
नव वर्ष मंगलमय हो .. सबके लिए ... सबके लिए ... सबके लिए .. न छोटे कोई !
Deleteआमीन !
नव वर्षकी ढेर सारी मंगलकामनायें।
ReplyDeleteधन्यवाद ललित जी
Deleteबढ़िया प्रस्तुति .... नववर्ष की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteधन्यवाद संजय जी ! नव वर्ष की मंगल कामनाएँ !
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