Missing my frnd Manju

आज मंजू की बहुत याद आ रही है. मेरी बचपन की सहेली, जो कक्षा ९ तक मेरे साथ पढ़ती थी. बहुत मस्तीखोर और अच्छी लड़की थी. हम ७-८ लड़कियों का ग्रुप था. मंजू हम सब में लम्बी थी और पढाई में ठीक-ठाक थी. उम्र में शायद हमसे २-३ साल बड़ी थी. चलती थी हमेशा लहराकर, उसे टोको तो हँस देती और फिर वैसे ही चलने लगती.  उसके पापा का फोटो स्टूडियो है जो ठीक-ठाक चलता है . मंजू का घर भी वहीँ है, उसके घर मैं कभी गई नहीं थी सिर्फ उस दिन  के अलावा जिसके बाद से मंजू की ज़िन्दगी ही बदल गई. 

एक दिन की बात है जब हम सब एक सामान्य दिन की ही तरह स्कूल में खेल रहे थे और एक -दूसरे के सपनों को जान रहे थे. वो बाली उम्र थी और सपने अपने राजकुमारों के थे. किसी को लम्बा लड़का चाहिए था अमिताभ बच्चन की तरह ,तो किसी को तगड़ा लड़का सलमान खान की तरह. मुझ उस समय आमिर खान बहुत पसंद थे तो मुझे जीवनसाथी भी वैसा ही शालीन और क्यूट सा चाहिए था. मंजूजी की चोइस सबसे अलग थी इन्फेक्ट इन सबका मिश्रण थी और इतना बताकर ही वो बहुत जोर से खिलखिलाकर हंस दी जोकि उसकी विशेषता थी. हम भी हंस दिए जोर से. ये भी हमारे ग्रुप की विशेषता थी, खुद पर जोर से हँसना. 

उस दिन मंजू बात करती हुई स्कूल से कुछ २ किलोमीटर दूर अपने घर पहुंची तो उसके होश ही उड़ गए. घर खुला था और चौके से जलने की गंध आ रही थी. मंजू दौड़ते हुए अन्दर गई और देखा कि आंटीजी (मंजू की मम्मी )बुरी तरह जली हुईं थीं. मंजू ने दौड़कर पापा को बुलाया और मम्मी को उठाकर अस्पताल भेजा. हुआ ये था कि आंटीजी गैस पर दूध रखकर किसी और काम में लग गईं थीं और दूध पूरा गैस में गिर गया. जब तक आंटीजी काम से लौटीं तब तक किचेन में काफी गैस फ़ैल चुकी थी परन्तु दूध की गंध के कारण गैस की गंध दब गई. फिर क्या, आंटीजी ने जैसे ही गैस चालू की आग की चपेट में आ गईं. 

अस्पताल में आंटीजी को मृत घोषित किया गया। इसके साथ ही वो अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़कर चली गईं. मंजू तीन भाई- बहनों में दूसरे  नंबर पर थी और बहनों में बड़ी बहन थी हालाँकि उम्र में तो छोटी ही थी परन्तु इस हादसे के बाद घरवाले उसकी शादी के पीछे पड़ गए. मंजू बिलकुल भी शादी नहीं करना चाहती थी. हमसे बात करते-करते रो पड़ती थी. परन्तु घर वालों के दबाव में ९ वी का एक्साम देकर वो अपनी उम्र से काफी बड़े पुरुष जो उस समय कुछ ३० वर्ष के थे की पत्नी बन गई. 


आज मैं भी ३० पार कर चुकी हूँ, सोचती हूँ तो बहुत अजीब लगता है, कैसे रही होगी मंजू इतने बड़े उम्र के पति के साथ. इस बीच कई बार मेरा मंजू के भाई - बहन से मिलना हुआ, पूछने पर पता चला कि मंजू ठीक है. भगवान करे वो हमेशा खुश रहे और वैसी ही खिलखिलाती भी रहे. जीवन के संघर्ष में हमें अपना मूल सवभाव नहीं बदलना चाहिए क्योंकि यह हमें  हमारा ' god gift ' है.  







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