यथा नाम तथा काम



अभी हाल में मीडिया में आई खबरों के अनुसार बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने एक माओवादी दंपत्ति ने आत्मसमर्पण किया है. यह दंपत्ति बंगाल के पुरुलिया, बंकुरा और अनेक जिलों में सेना के खिलाफ अम्बुश लगाकर घातक हमलों में शामिल रहा  है. मोस्ट वांटेड मायोवादी जागरी बस्के(२६ वर्ष) और उसका पति राजाराम सोरेन(३४ वर्ष) ने अपने ४ वर्षीय बेटे बहादुर के साथ IG (OB) ओ पी गुप्ता के सामने सचिवालय में आत्मसमर्पण  किया.

ममता बनर्जी ने हाल ही में राज्य में माओवादियों के लिए एक विशेष पॅकेज की घोषणा की है जिसके अनुसार वे माओवादी जो सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं उन्हें बंगाल सरकार पैसे, सुविधाएँ, नौकरी देगी साथ ही उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे भी वापस लेगी. इस घोषणा के बाद पहले भी ६ माओवादी ममता बनर्जी के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं. यह पहली बार है कि किसी माओवादी ने सचिवालय में आत्मसमर्पण किया है. 

सचिवालय से यह दंपत्ति सीधे ममता बनर्जी के पास गई और उनके सामने आत्मसमर्पण किया.जागरी तथा राजाराम के आत्मसमर्पण से खुश ममता ने कहा कि वो चाहती हैं कि उनके भाई-बहन मुख्य धारा में लौटे और हिंसा का रास्ता छोड़ शांति की राह पकड़ें. सरकार अपने वादे के अनुसार विशेष पॅकेज के तहत उनकी मदद करेगी. ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जागरी और राजाराम के  बेटे बहादुर को रामकृष्ण मिशन के स्कूल में भर्ती कराएंगी. 

जागरी ने बताया कि माओवादी उनकी गरीबी का फायदा उठाकर उन्हें सरकार के खिलाफ भड़काते हैं और यह दावा करते हैं कि वो गरीबों के हक़ के लिए लड़ रहे हैं. माओवादी उसे उसके माँ-बाप के पास से ले गए तब वह मात्र १६ वर्ष की थी. तब से वह अनेक माओवादी हमलों में शामिल रही है. 

ममता बनर्जी हाल ही में केंद्र सरकार पर दबाव डालकर पेट्रोल के दाम कम करवाने में सफल रही हैं, यह दूसरी अच्छी खबर उनकी तरफ से आ रही है जो कि आने वाले अच्छे कल की दस्तक मात्र लगती हैं. सच में, ममता बनर्जी ने अपना नाम सार्थक कर दिया है. 





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